गणित

एक अमूर्त या निराकार आ निगमनात्मक प्रणाली

गणित (ग्रीक μάθημα máthēma, “ज्ञान, अध्ययन, सिखाई”) एहन विद्यासभक समूह छी जे सङ्ख्यासभ,[१] मात्रासभ,[२][१] परिमाणसभ, रूपसभ आ ओइसभक आपसी सम्बन्ध, गुण, स्वभाव इत्यादिक अध्ययन करैत अछि।[३][४][५] गणित एक अमूर्त या निराकार आ निगमनात्मक प्रणाली छी। गणितक बहुतेक शाखासभ अछि : अङ्कगणित, रेखागणित, त्रिकोणमिति, साङ्ख्यिकी, बीजगणित, कलन, इत्यादि। गणितमे अभ्यस्त व्यक्ति या खोज करनिहार वैज्ञानिकके गणितज्ञ कहल जाइत अछि।

पुणेमे रहल आर्यभटक मूर्ति ४७६-५५०

बीसम् शताब्दीक प्रख्यात ब्रिटिश गणितज्ञ आ दार्शनिक बर्टेन्ड रसेलक अनुसार - गणितके एक एहन विषयके रूपमे परिभाषित कएल जा सकैत अछि जाहिमे हम जानिए नै सकैत छी की हम की कऽ रहल छी, नै त हमरासभके ई पता होइत अछि की जे हम कऽ रहल छी ओ सत्य अछि या नै।

गणित किछ अमूर्त धारणासभ तथा नियमसभक सङ्कलन मात्र नै छी, मुदा दैनिकीय जीवनक मूलाधार छी।

गणितक महत्व

ब्रह्मगुप्तक प्रमेय, एकर अनुसार AF = FD

पुरातन कालसँ सभ प्रकारक ज्ञान-विज्ञानमे गणितक स्थान सर्वोपरि रहल अछि-

यथा शिखा मयूराणां नागानां मणयो यथा।
तथा वेदाङ्गशास्त्राणां गणितं मूर्ध्नि स्थितम्॥ (वेदाङ्ग ज्योतिष)

(जाहि प्रकार मयूरमे शिखा आ नागसभमे मणिक स्थान सबसँ उपर अछि, ओहि प्रकार सभ वेदाङ्ग आ शास्त्रसभमे गणितक स्थान सबसँ ऊपर अछि।)

महान गणितज्ञ गाउस कहने छल की गणित सभ विज्ञानसभक रानी छी। गणित, विज्ञान आ प्राविधिकक एक महत्वपूर्ण उपकरण छी। भौतिकी, रसायन विज्ञान, खगोल विज्ञान आदि गणित बिना नै समझल जा सकैत अछि। ऐतिहासिक रूपसँ देखल जाय तँ वास्तवमे गणितक अनेक शाखासभक विकास याह कारण कएल गेल की प्राकृतिक विज्ञानमे एकर आवश्यकता महसुस कएल गेल छल।

शाखा

  • अङ्क गणित
  • बीज गणित
  • रेखा गणित

सन्दर्भ सामग्रीसभ

बाह्य जडीसभ