नारीवाद
नारीवाद राजनैतिक आन्दोलनक एक सामाजिक सिद्धान्त छी जे नारीसभक अनुभवसभसँ जनित अछि ।[१][२] मुदा मूल रूपसँ ई सामाजिक सम्बन्धसँ अनुप्रेरित अछि मुदा कयन नारीवादी विद्वानक मुख्य मुद्दा लैङ्गिक असमानता आ महिलाक अधिकार इत्यादि पर बेसी जोड़ दैत अछि ।
नारीवादी सिद्धान्तसभक उद्देश्य लैङ्गिक असमानताक प्रकृति आ कारणसभके समझनाए तथा एकर फलस्वरूप जन्म होमएवला लैङ्गिक भेदभावक राजनीति आ शक्ति सन्तुलनक सिद्धान्तसभ पर एकर असरक व्याख्या केनाए छी । नारी विमर्श सम्बन्धी राजनैतिक प्रचारसभक जोड़ प्रजनन सम्बन्धी अधिकार, घरेलु हिंसा, मातृत्व अवकाश, समान वेतन सम्बन्धी अधिकार, महिला यौनाङ्ग कर्तन, भेदभाव आ यौन हिंसा पर केन्द्रित अछि ।[३]
आधुनिक नारीवादी विमर्शक मुख्य आलोचना सबदिने सँ याह रहल अछि कि एकर सिद्धान्त आ दर्शन मुख्य रूपसँ पश्चिमी मूल्य आ दर्शन पर आधारित रहल अछि । मुदा जमीनी स्तर पर नारीवादी विमर्श हरेक देश आ भौगोलिक सीमासभने अपन स्तरपर सक्रिय रहैत अछि आ हरेक क्षेत्रक नारीवादी विमर्शक अपनी खास समस्यासभ होइत अछि ।
इतिहास
नारी विमर्शक इतिहास
नारी विमर्शक विभिन्न रूप
सन्दर्भ सामग्रीसभ
बाह्य जडीसभ
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