लोकतन्त्र

लोकतन्त्र (वा प्रजातन्त्र) शासनक एकटा व्यवस्था छी। ई व्यवस्था दुई प्रकारक होएत अछि। प्रत्यक्ष प्रजातन्त्रमे शासनक दायित्व सीधा रूपमे शासित जनता निर्वाह करैत अछि तँ प्रतिनिधिमूलक लोकतन्त्रमे शासनक दायित्व जनताद्वारा निर्वाचित प्रतिनिधिसभद्वारा होएत अछि। प्रायः, कम जनसंख्यामे प्रत्यक्ष आ अधिक जनसंख्यामे प्रतिनिधिमूलक लोकतन्त्र बेसी प्रभावकारी देखल जाइत अछि।

एक महिला २००७ क फ्रान्सीसी राष्ट्रपति चुनावक दोसर चरणमे भोट खसावैत


राजनैतिक सिद्धान्तमे लोकतन्त्रक एकता निश्चित प्रकारक शासन आसँ सम्बन्धित राजनैतिक विचार धारालाक जनाबैत अछि। लोकतन्त्रक सर्वमान्य परिभाषा नभएलसँ [१] ई दुई प्रमुख सिद्धान्त छी जे लोकतन्त्रक क सेहो परिभाषामा देखल अछि। ई सभ समानता आ स्वतन्त्रता।[२] ई सिद्धान्तसभक प्रतिबिम्ब कानून समक्ष सब नागरिकसभक बराबर छी आ राज्यक शक्तिमे सबमिलक समान पहुंचे वाला व्यवस्थामे सेहो देखल जाईत अछि।[३] सेहो, सबक नागरिक वैधानिक स्वतन्त्रताक उपभोग सेहो पवैत अछि आ नागरिकद्वारा ई स्वतन्त्रताक उपभोग सेहो होइक व्यवस्था संविधानमे तोकन अछि। [४][५]

प्रजातन्त्रक विभिन्न प्रकारसभ अछि। ई विभिन्न प्रकारसभ विशेष केरक प्रतिनिधित्त्व आ स्वतन्त्रताक अधिकार भिन्न भिन्न स्तरमे केन अछि। [६][७]

लोकतन्त्र (शाब्दिक अर्थ "लोगक शासन", संस्कृत लोक, "जनता" ,तन्त्र ,"शासन", ) ई प्रजातन्त्र एक यहन शासन व्यवस्था छि जईमे जनता आपन शासक अपन चुनैत अछि । ई शब्द लोकतांत्रिक व्यवस्था आ लोकतांत्रिक राज्य दुनुक लेल प्रयुक्त अछि। यद्यपि लोकतन्त्र शब्दक प्रयोग राजनीतिक सन्दर्भमे केन यछ, तँ लोकतन्त्रक सिद्धान्त दोसर समूहसभक आ संगठनसभक लेल सेहो संगत अछि। सामांयतः लोकतन्त्र विभिन्न सिद्धान्तसभक मिश्रणसँ बनते अछि, तँ मतदानक लोकतन्त्रक अधिकांश प्रकारसभ चरित्रगत लक्षण मानल गेल अछि।


लोकतन्त्रक प्रकार

लोकतन्त्रक परिभाषाक अनुसार ई "जनताद्वारा, जनताक लेल, जनताक शासन छी"। मुद्दा अलग-अलग देशकाल आ परिस्थितिसभमे अलग-अलग धारणासभक प्रयोगसँ एकर अवधारणा किछ जटिल होएत अछि। प्राचीनकालसँ ही लोकतन्त्रक सन्दर्भमे बहुतरास प्रस्ताव रखल गेल छल, मुद्दा ओ सभमे सँ बहुतरास कहियो नै क्रियान्वित भेल।

प्रतिनिधि लोकतन्त्र

प्रतिनिधि लोकतन्त्रमे जनता सरकारी अधिकारीसभक सीधा चुनैत अछि। प्रतिनिधि कोनो जिला आ संसदीय क्षेत्रक चूनल जाईत अछि आ बहुत समानुपातिक व्यवस्थासभक सब मतदाताक प्रतिनिधित्व करैत अछि। कुछ देशसभमे मिश्रित व्यवस्था उपयुक्त होइत अछि। यद्यपि ई तरिकाक लोकतन्त्रमे प्रतिनिधि जनता द्वारा निर्वाचित होइत अछि,तँ जनताक हितमे कार्य नीतिसभ प्रतिनिधि स्वयं तय करैत अछि। यद्यपि दलगत नीति, मतदातासभमे छवि, पुनः चुनाव जहिना कुछ कारक प्रतिनिधिसभमे असर देखल जाईत अछि, तँ सामान्यतः ई सभक मध्ये कुछ आ बाध्यकारी अनुदेश अछि।

ई प्रणालीक सबसँ पैग खासियत ई अछि कि जनादेशक दबाव नीतिगत विचलनमे रोकैक काम करैत अछि,कियाकि नियमित

अतरालसभमे सत्ताक वैधता हेतु चुनाव अनिवार्य अछि।

उदार लोकतन्त्र

प्रत्यक्ष लोकतन्त्र

भारतमे लोकतन्त्रक प्राचीनतम प्रयोग

सन्दर्भ सामग्रीसभ

बाह्य जडीसभ

एहो सभ देखी

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