आमू-पार
आमू-पार या ट्रांसऑक्सेनिया (अंग्रेजी: Transoxania) या फ़रा-रूद (फारसी: فرارود) मध्य एशिया का वह इलाक़ा है जो आमू दरिया और सिर दरिया के बीच में स्थित है। इसके फ़ारसी नाम 'फ़रा-रूद' का मतलब है 'रूद' (नदी, यानी आमू नदी) से 'फ़रा' (पार)। इस इलाक़े में ख़ानाबदोश क़बीले रहा करते थे, जिनका भारत के इतिहास पर भी गहरा प्रभाव है। यह क्षेत्र उत्तरी रेशम मार्ग पर स्थित होने से हजारों सालों से संस्कृति और व्यापार की धारा में रहा है। यहाँ ईरान के सासानी साम्राज्य की एक सात्रापी थी और बाद में मंगोलों और तुर्की-मंगोलों का क्षेत्र रहा है। इसके मुख्य नगर ज़रफ़शान नदी के किनारे पर बसे बुख़ारा और समरक़न्द शहर हैं। आधुनिक राजनैतिक सीमाओं के हिसाब से आमू-पार क्षेत्र में उज़बेकिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, किरगिज़स्तान और काज़ाख़स्तान के कुछ इलाक़े आते हैं।[1]