प्रागितिहास

1st

प्रागितिहास (Prehistory) मानव अतीत के उस भाग को प्रागितिहास कहते हैं जबकि मानव का अस्तित्व तो था परन्तु लेखन कला का आविष्कार अभी नहीं हुआ था . विश्व इतिहास में लेखन कला का आरंभ सबसे पहले मेसोपोटामिया सभ्यता में लगभग ३२०० ई॰पू॰ से माना जाता है .।[1] "प्रागितिहास, लगभग ४४ लाख साल पहले (अभी तक के प्राचीनतम साक्ष्य के आधार पर) होमिनिनस् मानव द्वारा दो पैरों पर खड़े होने, पत्थर के उपकरणों उपयोग और ३२०० ई॰पू॰ में लेखन प्रणालियों के आविष्कार के बीच की अवधि है।" {प्राक् इतिहास - देवेन्द्र सिंह }

आज से लगभग 27000 साल पहले फ़्रान्स की एक गुफ़ा में एक प्रागैतिहासिक मानव ने अपने हाथ के इर्दगिर्द कालख लगाकर यह छाप छोड़ी
इतिहास का वह काल खण्ड, जिसमें मानव का अस्तित्व तो था किन्तु लेखन कला का अविष्कार नहीं हुआ था, प्राक् इतिहास कहलाता है।
प्राक इतिहास का विस्तृत विवरण (प्रकाशन -2024) लेखक - देवेन्द्र सिंह


इस काल में मानव-इतिहास की कई महत्वपूर्ण घटनाएँ हुई जिनमें हिमयुग, मानवों का अफ़्रीका से निकलकर अन्य स्थानों में विस्तार, आग पर स्वामित्व पाना, मानव का शारीरिक और बौद्धिक विकास,कृषि का आविष्कार, कुत्तों व अन्य जानवरों का पालतू बनना इत्यादि शामिल हैं। ऐसी चीज़ों के केवल चिह्न ही मिलते हैं, जैसे कि पत्थरों के प्राचीन औज़ार, पुराने मानव पड़ावों के अवशेष और गुफाओं की चित्रकारी इत्यादि । पहिये का आविष्कार भी इस काल में हो चुका था जो प्रथम वैज्ञानिक आविष्कार था।

प्रागैतिहासिक काल में मानवों का वातावरण बहुत भिन्न था। अक्सर मानव छोटे क़बीलों में रहते थे और उन्हें जंगली जानवरों से जूझते हुए शिकारी - संग्राहक का जीवन व्यतीत करना पड़ता था। विश्व की अधिकतर जगहें अपनी प्राकृतिक स्थिति में थीं।[2] ऐसे कई जानवर थे जो आधुनिक दुनिया में नहीं मिलते, जैसे कि मैमथ और बालदार गैंडा[3] विश्व के कुछ हिस्सों में आधुनिक मानवों से अलग भी कुछ मानव जातियाँ थीं जो अब विलुप्त हो चुकी हैं, जैसे कि यूरोप और मध्य एशिया में रहने वाले निअंडरथल मानव

प्रागैतिहास में हम इन्हीं विभिन्न मानव प्रजातियों और उनके समाज के क्रमिक उद्विकास को समझने का प्रयास करते हैं. प्रागैतिहास को अपनी बहुत सी सामग्री मानव विज्ञान (एंथ्रोपोलॉजी), उद्विकास (एवोल्यूशन) और पुरातत्वविज्ञान ( आर्कियोलोजी) से प्राप्त होती है .

इतिहासकार इतिहास को तीन प्रमुख युगों में बांटते हैं :

पाषाण युग

पाषाण युग को तीन भागों में बाँटा गया हैं–

  1. पुरापाषाण काल
  2. मध्यपाषाण काल
  3. नवपाषाण काल

कांस्य युग

कांस्य युग को तीन भागों में बाँटा गया हैं–

  1. पूर्व कांस्य युग  
  2. मध्य कांस्य युग
  3. उत्तर कांस्य युग

लौह युग

लौह युग को तीन भागों में बाँटा गया हैं–

  1. पूर्व लौह युग
  2. मध्य लौह युग
  3. उत्तर लौह युग

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

🔥 Top keywords: जय श्री रामराम नवमीश्रीरामरक्षास्तोत्रम्रामक्लियोपाट्रा ७राम मंदिर, अयोध्याहनुमान चालीसानवदुर्गाअमर सिंह चमकीलामुखपृष्ठहिन्दीभीमराव आम्बेडकरविशेष:खोजबड़े मियाँ छोटे मियाँ (2024 फ़िल्म)भारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेशभारतीय आम चुनाव, 2024इंडियन प्रीमियर लीगसिद्धिदात्रीमिया खलीफ़ाखाटूश्यामजीभारत का संविधानजय सिया रामसुनील नारायणलोक सभाहनुमान जयंतीनरेन्द्र मोदीलोकसभा सीटों के आधार पर भारत के राज्यों और संघ क्षेत्रों की सूचीभारत के प्रधान मंत्रियों की सूचीगायत्री मन्त्ररामायणअशोकप्रेमानंद महाराजभारतीय आम चुनाव, 2019हिन्दी की गिनतीसट्टारामायण आरतीदिल्ली कैपिटल्सभारतश्रीमद्भगवद्गीता