रेने देकार्त
रने देकार्त (René Descartes) एक फ्रांसीसी दार्शनिक, गणितज्ञ, वैज्ञानिक और कैथोलिक थे जिन्होंने वैश्लेषिक ज्यामिति का आविष्कार करके ज्यामिति और बीजगणित के पहले के भिन्न क्षेत्रों को जोड़ा। उन्होंने अपने कामकाजी जीवन का एक बड़ा भाग डच गणराज्य में बिताया, शुरू में नासाउ के मौरिस की डच सेना, ऑरेंज के राजकुमार और संयुक्त प्रांत के स्टाठउडर की सेवा की। डच स्वर्ण युग के सबसे उल्लेखनीय बौद्धिक आंकड़ों में से एक, डेसकार्टेस को व्यापक रूप से आधुनिक दर्शन के संस्थापकों में से एक माना जाता है।
व्यक्तिगत जानकारी | |
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जन्म | 31 मार्च 1596 La Haye en Touraine, फ्रांसीसी साम्राज्य |
मृत्यु | 11 फ़रवरी 1650 स्टॉकहोम, स्वीडन | (उम्र 53)
वृत्तिक जानकारी | |
युग | सत्तरवी शताब्दी का दर्शन |
क्षेत्र | पाश्चात्य दर्शन |
राष्ट्रीयता | फ्रांसीसी [2] |
हस्ताक्षर |
परिचय
उनका जन्म ३१ मार्च ई. को हेग में हुआ था। २१ वर्ष की आयु में शिक्षा समाप्त कर ये ओरेंज के राजकुमार मोरिस की सेना में भर्ती हो गए। यहाँ पर प्राप्त अवकाश को ये गणित के अध्ययन में व्यतीत किया करते हैं। इन्होंने कई युद्धों में भी भाग लिया। सेवॉय के ड्यूक के साथ हुए युद्ध में प्रदर्शित वीरता के कारण इनका लेफ्टिनेंट जनरल की उपाधि प्रदान की गई, परंतु इन्होंने उसे स्वीकार नहीं किया और पेरिस में तीन वर्ष तक शांतिपूर्वक दर्शनशास्त्र की साधना करते रहे। प्रकृति के भेदों की गणित के नियमों से तुलना करने पर इन्होंने आशा प्रकट की कि दोनों के रहस्यों का ज्ञान एक ही प्रकार से किया जा सकता है। इस भाँति इन्होंने तत्वज्ञान में 'कार्तेज़ियनवाद' का आविष्कार किया।
गणित को इनकी सर्वोत्तम देन है वैश्लेषिक ज्यामिति। १६३७ ई. में प्रकाशित इनके "दिस्कूर द ला मेतौद्' (Discours de la Methode) में ज्यामिति पर भी १०६ पृष्ठ का एक निबंध था। इन्होंने समीकरण सिद्धांत के कुछ नियमों का भी अविष्कार किया, जिनमें "चिन्हों का नियम' अत्यंत प्रसिद्ध है। ११ फ़रवरी १६५० को इनकी मृत्यु हो गई।
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
सन्दर्भ ग्रन्थ
- सी. ऐडम एवं पी. टैनरि : अय्ब्र दे देकार्त, १३ खंड, पैरिस, १८९७-१९११।