साहित्य में नोबेल पुरस्कार
1901 से, साहित्य के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार (स्वीडिश: Nobelpriset i litteratur) वार्षिक रूप से किसी भी देश के उस लेखक को दिया जाता है जिसने, सर अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत के अनुसार, "साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया हो" (मूल स्वीडिश den som inom litteraturen har producerat det utmärktaste i idealisk riktning)। [1][2] यद्यपि व्यक्ति का काम कभी कभी विशेष रूप से उल्लेखनीय नहीं होता, यहां पर काम से तात्पर्य पूरी तरह से लेखक के काम से है। इस बात का निर्णय स्वीडिश अकादमी ही लेती है कि किस वर्ष में यह पुरस्कार किसे दिया जाये. अकादमी चयनित विजेता का नाम अक्टूबर की शुरूआत में ही घोषित कर देती है।[3] यह उन पांच नोबेल पुरस्कारों में से एक है जिसे सर अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत में से सन् 1895 में स्थापित किया गया था। बाकी पुरस्कार हैं रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार, भौतिक विज्ञान में नोबेल पुरस्कार, शांति नोबेल पुरस्कार और चिकित्सा तथा शरीर विज्ञान में नोबेल पुरस्कार।
साहित्य में नोबेल पुरस्कार | |
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वर्णन | साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान |
देश | स्वीडन |
प्रथम सम्मानित | १९०१ |
जालस्थल | nobelprize.org |
साहित्य में नोबेल पुरस्कार के विजेता के चयन के लिए सर नोबेल द्वारा "आदर्शवादी" और "आदर्श" (अंग्रेजी अनुवाद) पर जोर दिए जाने के मापदंड के कारण शुरु से ही यह पुरस्कार विवादग्रस्त रहा है। मूल स्वीडिश में शब्द आईडलिस्क का अनुवाद "आदर्शवादी" या फिर "आदर्श" बनता है।[2] बीसवीं शताब्दी की शुरूआत में नोबेल समिति ने वसीयत की मंशा की सख्ती से व्याख्या की। इसी कारण से इन्होनें उस समय के संसार में विख्यात लेखक जैसे "जेम्स जोयसे, लियो टोल्सटोय, हेनरिक इबसन और हैनरी जेम्स" को सम्मानित नहीं किया। अभी हाल ही में इन शब्दों की बड़ी उदारतापूर्वक व्याख्या की गयी है। इसलिए अब यह पुरस्कार स्थायी साहित्यिक योग्यता और कुछ महत्वपूर्ण स्तर लगातार आदर्शवाद के सबूत दोनों के लिए सम्मान के तौर पर दिया जाता है। हाल के वर्षों में इसका मतलब व्यापक पैमाने पर मानव अधिकारों को बढ़ावा देने से रहा है। इसलिए अब यह पुरस्कार विवादास्पद रूप से अधिक राजनैतिक हो गया है।
स्टॉकहोम में नोबेल पुरस्कार सम्मान समारोह का मुख्य आर्कषण तब होता है जब नोबेल पुरस्कार विजेता महामहिम स्वी़डन के राजा के हाथ से पुरस्कार प्राप्त करते हैं।. ...... पूरे संसार की आंखों के सामने नोबेल पुरस्कार विजेता तीन चीज़े प्राप्त करता : एक डिप्लोमा, एक मैडल और एक द्स्तावेज जिससे पुरस्कार की राशि सुनिश्चित होती है। साहित्य के क्षेत्र में 2010 का नोबेल पुरस्कार मारियो वरगस लिओसा को शक्ति की संरचना के मानचित्रण और वैयक्तिक विरोध, क्रांति और हार के उसके कटु छवियों के लिए दिया गया था।
स्वीडिश अकादमी ने हाल के वर्षों में कुछ महत्वपूर्ण आलोचनाओं को आकर्षित किया है। कुछ आलोचकों का यह तर्क है कि कई जाने माने लेखकों को पुरस्कार नहीं दिया गया और अन्य लोगों का यह कहना है कि इस पुरस्कार को ग्रहण करने वाले कुछ जाने माने लेखक इस पुरस्कार के योग्य नहीं हैं। इस बात को लेकर भी विवाद रहा है कि इस पुरस्कार के मनोनन में तथा हाल में साहित्यिक विजेताओं के अंतिम चयन में राजनीतिक हित छिपा हुआ है।
पृष्ठभूमि
अल्फ्रेड नोबेल ने अपनी वसीयत में यह शर्त रखी कि इस धन का इस्तेमाल केवल उन लोगों को पुरस्कारों देने के लिए किया जायेगा, जिन्होनें भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, शांति, शरीर विज्ञान या दवाई और साहित्य के क्षेत्र में मानवजाति की सेवा में उत्तमकार्य किया हो। [4][5] यद्यपि नोबेल ने अपने जीवन काल में बहुत सी वसीयतें लिखीं थी परंतु उनकी अंतिम वसीयत उनकी मृत्यु से लगभग एक वर्ष पहले लिखी गई और 27 नवम्बर 1895 को पेरिस के स्वीडिश नोर्वेवेगियन क्लब में हस्ताक्षरित की गई।[6][7] इस वसीयत में नोबेल ने अपनी कुल संपत्ति का 94%, 31 मीलियन स्वीडिश क्रोनर (2008 में 186 मिलियन अमेरिकी डॉलर) पांच नोबेल पुरस्कार स्थापित करने और प्रदान करने के लिए रखा। [8] वसीयत पर संदेह होने के कारण कुछ दिन तक यह संभव नहीं हो पाया लेकिन 26 अप्रैल 1897 को स्टोर्टिंग (नोर्वे की संसद) ने इसे मंजूरी दे दी। [9][10] उनकी वसीयत के निर्वाहक रेगनर सोलमैन और रूडोल्फ लिलजेक्विस्ट थे, जिन्होंने नोबेल की विपुल संपत्ति की देखभाल करने के लिए नोबेल फाउंडेशन की स्थापना की और पुरस्कारों को व्यवस्थित किया।
नार्वेगियन नोबेल समिति जो शांति पुरस्कार प्रदान करने के लिए थी, उसकी नियुक्ती वसीयत के अनुमोदन के तुरंत बाद ही कर दी गई थी। बाद में निम्नलिखित पुरस्कार प्रदान करने वाले संगठन बनें: 7 जून को कारोलिनास्का संस्थान, 9 जून को स्वीडिश अकादमी और 11 जून को रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज.[11][12] इसके बाद नोबेल फाउंडेशन ने दिशा निर्देश पर एक समझौता किया जो इस लिए था कि नोबेल पुरस्कार किस प्रकार प्रदान किए जाने चाहिएं. 1900 में, नोबेल फाउंडेशन के नव निर्मित क़ानून को राजा ऑस्कर द्वितीय द्वारा लागू किया गया। [10][13][14] नोबेल की वसीयत के अनुसार, रॉयल स्वीडिश अकादमी को साहित्य के क्षेत्र में पुरस्कार प्रदान करना था।[14]
नामांकन प्रक्रिया
हर साल स्वीडिश एकेडमी, साहित्य में नोबेल पुरस्कार प्रदान करने हेतु उम्मीदवारों के नामांकन के लिए अनुरोध प्रेषित करती है। अकादमी के सदस्यों, साहित्य अकादमियों के सदस्यों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं, साहित्य और भाषा के प्रोफेसरों, पूर्व नोबेल साहित्य पुरस्कार विजेताओं और लेखक संगठनों के अध्यक्षों को उम्मीदवारों का नामांकन करने की अनुमति होती है। यद्यपि किसी को भी स्वयं को नामांकित करने की अनुमति नहीं होती है।[15]
हर साल हजारों अनुरोध भेजे जाते हैं और लगभग पचास प्रस्तावों को चुना जाता है। ये सभी प्रस्ताव 1 फ़रवरी से पहले अकादमी को प्राप्त होने आवश्यक हैं, जिसके बाद नोबेल समिति द्वारा उनकी जांच पड़ताल की जाती है। अप्रैल तक समिति इन में से लगभग बीस उम्मीदवार छांट लेती है और गर्मियों में इस सूची में केवल पांच नाम बाकी रह जाते हैं। इसके बाद के महीनों में योग्य उम्मीदवारों के कार्यों की समीक्षा की जाती है। अक्टूबर में अकादमी के सदस्य मतदान करते हैं और जिस उम्मीदवार को आधे से अधिक वोट मिलते हैं उसे साहित्य के नोबेल पुरस्कार के लिए चुना जाता है। यह प्रक्रिया अन्य नोबेल पुरस्कारों के लिए समान है[16]
नोबेल पुरस्कार की पुरस्कार राशि, इसकी शुरूआत के बाद से घटती -बढ़ती रही है लेकिन वर्तमान में यह दस मीलियन स्वीडिश क्रोनर है। (लगभग 1,356,610 अमरीकी डालर या 1,067,950 यूरो.)[17] विजेता को एक स्वर्ण पदक और एक नोबेल डिप्लोमा भी मिलता है और उसे स्टोकहोम में भाषण देने के लिए भी आमंत्रित किया जाता है; चिह्नित क्षेत्र 10 दिसम्बर को हुए पुरस्कार समारोह और भोज को दर्शाता है।[18]
पुरस्कार
एक साहित्य नोबेल पुरस्कार विजेता को स्वर्ण पदक, प्रशंसात्मक लेख वाला डिप्लोमा और धन मिलता है।[19] प्रदान की जाने वाली पुरस्कार राशि, विगत वर्ष में नोबेल फाउंडेशन की कमाई पर निर्भर करती है।[20] अगर यह पुरस्कार एक से अधिक विजेताओं को दिया जाता है राशि को बराबर बांट दिया जाता है, किसी परिस्थिति में विजेताओं की संख्या तीन होने पर राशि को एक आधे और दो तिहाईयों में बांटा जा सकता है।[21] अगर यह पुरस्कार दो या उससे अधिक विजेताओं को संयुक्त रूप से दिया जाता है तो धनराशि को उनके बीच बांट दिया जाता है।[21]
नोबेल पुरस्कार पदक
1902 से, स्वीडन में मेनटवेर्केट द्वारा ढाला गया और नॉर्वे टकसाल द्वारा तैयार नोबेल पुरस्कार पदक, नोबेल फाउंडेशन का पंजीकृत ट्रेडमार्क है।[22] प्रत्येक पदक के अग्रभाग में बायीं प्रोफाइल में अल्फ्रेड नोबेल की छवि बनी होती है (पदक के सामने की तरफ)। भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, फिजियोलॉजी या चिकित्सा और साहित्य के लिए प्रदान किए जाने वाले नोबेल पुरस्कार पदकों का अग्रभाग समान होता है जिसमें अल्फ्रेड नोबेल की छवि और उनके जन्म और मृत्यु के वर्षों (1833-1896) का उल्लेख किया गया होता है। नोबेल शांति पुरस्कार पदक और अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार पदक में भी नोबेल का चित्र प्रदर्शित होता है किन्तु इसका डिजाइन थोड़ा भिन्न होता है।[23][24] पदक के पीछे की छवि पुरस्कार देने वाली संस्थाओं के आधार पर अलग अलग होती है। रसायन विज्ञान और भौतिकी विज्ञान के नोबेल पुरस्कार पदकों में पीछे का डिजाइन समान होता है।[25]
नोबेल पुरस्कार डिप्लोमा
नोबेल पुरस्कार विजेता स्वीडन के राजा के हाथों से डिप्लोमा प्राप्त करते हैं। पुरस्कार देने वाले संस्थानों द्वारा विजेताओं के लिए प्रत्येक डिप्लोमा अद्वितीय तरीके से डिजाइन किया जाता है।[26] डिप्लोमा में एक चित्र एवं लेख सम्मिलित होता है, जिसमें विजेता के नाम एवं यह लिखा गया होता है कि उन्हें यह पुरस्कार क्यों दिया गया। [26]
आलोचना
नोबेल पुरस्कार विजेता चयन के बारे में विवाद
साहित्यिक पुरस्कार की पृष्ठभूमि में विवादास्पद पुरस्कार और कुख्यात झिड़कियां हैं। उल्लेखनीय विद्वजनों ने यह बात कही है कि इस पुरस्कार के योग्य कई लेखकों को नज़रअंदाज़ किया गया है जब कि यह सम्मान पाने वाले बहुत ही कम हैं। इनमें प्राय: राजनीतिक और अतिरिक्त साहित्यिक कारणों से लियो टोल्सटोय, एफ स्कॉट फिट्जिराल्ड, मारसल प्रॉस्ट, एजरा पॉउन्ड, फरनैन्डों पैसोआ, जेम्स जोयसे, व्लादिमीर नेबोकोव, जोर्ज लुइस बोर्ज, अगस्त स्ट्रिण्ड बर्ग और अन्य शामिल हैं।[27] इसके विपरीत पुरस्कार प्राप्त करने वाले कई लेखकों की समकालीन आलोचना और इसके बाद हुई आलोचना में इन्हें तुच्छ, महत्वहीन और संक्रमणकालीन माना है।[कौन?]
1901से 1912 तक स्मीति की आदर्श दिशा की व्याख्या ही इसकी विशेषता थी। नोबेल की वसीयत की व्याख्या में इसे "बुलंद और आदर्शवादी" बताया गया है। इसी कारण से लियो टोल्सटोय, हेनरिक इबसन, इमाइल जोला और मार्क ट्वेन को अस्वीकार कर दिया गया था।[28] इसके अलावा कई लोगों का मानना है कि रूस से स्वीडन की ऐतिहासिक दुश्मनी के कारण ही न तो टोल्सटोय और न ही एनटन चेखोव को पुरस्कार मिल पाया था। पहले विश्वयुद्ध के दौरान और उसके बाद के समय में स्मिती ने तटस्थता की नीति को अपनाया और उन्हीं देशों के लेखकों का समर्थन किया जो कि इस युद्ध में भाग नहीं ले रहे थे।[28]
अकादमी ने यह पाया कि चेक लेखक कैरल केपक की कृति "वार विथ द न्यूइस्ट" जर्मन सरकार के लिए बहुत बड़ा अपराध है। उन्होंने कुछ अविवादस्पद प्रकाशन जो उनके कार्य के तौर पर लिये जा सकते थे, ऐसे सुझाव देने से भी यह कहते हुए मना कर दिया कि सद्भावना के लिए धन्यवाद लेकिन मैंने अपना डॉक्टोरल व्याख्यान पहले से ही लिख लिया है।[29] इस प्रकार से उन्हें पुरस्कार के लिए मना कर दिया गया।
2008 में ली मोंडें अखबार के शुभारंभ के समय, इस अखबार ने जिस तरह से स्वीडिश अकादमी का अध्ययन किया था, उसके अनुसार फ्रेंच नोवलिस्ट और विद्वान ऐंडरे मोलरोक्स पर 1950 में पुरस्कार के लिए विचार किया गया था। मलरॉक्स की एलबर्ट कैमस के साथ प्रतिस्पर्धा थी लेकिन उन्हें कई बार अस्वीकार कर दिया गया, मुख्य रूप से 1955 और 1954 में; "जब तक वे नॉवेल (उपन्यास) की तरफ वापस रुख नहीं करते". इस प्रकार, कैमस ने 1957 में पुरस्कार जीता। [30]
डब्लयू एच ओडन को पुरस्कार न दिये जाने के कुछ कारणों में एक तो यह था कि ओडन ने 1961 में शांति पुरस्कार विजेता डेग हैमरस्कजोल्ड की किताब वेगमार्किन (मार्किंग)[31] में अनुवाद की काफी त्रुटियां की थीं और स्कैनिडेवियन लैक्चर टूर के समय दिये बयान के कारण जिसमें उन्होंनें कहा था कि हैमरस्कजोल्ड एक समलैंगिक की तरह हैं।[32]
1964 में जीन पॉल स्टार्टरे को साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया था, लेकिन उन्होंने यह कहते हुए पुरस्कार लेने से मना कर दिया कि यह एक जैसी बात नहीं है यदि मैं हस्ताक्षर करता हूं जीन पॉल स्टार्टरे या फिर मैं हस्ताक्षर करता हूं जीन पॉल स्टार्टरे, नोबेल पुरस्कार विजेता. एक लेखक को किसी भी कीमत पर स्वयं को संस्थान में नहीं बदलना चाहिये, चाहे फिर वो सबसे सम्मानजनक रूप में क्यों न हो। "
1970 का नोबेल पुरस्कार विजेता सोवियत विद्रोही लेखक ऐलेक्जेंडर सोलदजेनित्सयन ने स्टॉकहोम में हुये नोबेल पुरस्कार समारोह में शिरकत नहीं की। उन्हें इस बात का डर था कि बाद में यूएसएसआर उनकी वापसी पर रोक लगा देगा (वहां पर उनकी कृति समीजदत - कलैन्डसटाईन फार्म बांटी गई।) जब स्वीडिश सरकार ने सोलजेनिटसन को एक लोक पुरस्कार महोत्सव में सम्मान देने से मना कर दिया और मॉस्कों राजदूत गृह में लेक्चर देने से भी रोका तो सोलिट्जर ने इस पुरस्कार को लेने से यह कहते हुए बिल्कुल मना कर दिया कि जो शर्तें स्विडिश के द्वारा लगाई गई हैं। ये स्वयं में नोबेल प्राइज की बेइज्जती है। सोलजेनिटसन ने 10 दिसम्बर 1974 तक जब तक की उन्हें सोवियत यूनियन से निर्वासित नहीं कर दिया गया, उन्होंने पुरस्कार और उसकी राशि स्वीकार नहीं की। [33]
1974 में ग्राहम ग्रीन, व्लादिमिर नोबोकोव और सॉल बेलो पर विचार बना था पर उन्हें स्वीडिश लेखक ऐविंड जोनसन और हैरी मार्टिनसन की ओर झुकाव होने की वजह से अस्वीकार कर दिया गया। यह दोनों स्वयं ही नोबेल में जज हैं और अपने गृह देश के बाहर इन्हें कोई नहीं जानता. बेलों 1976 में नोबेल पुरस्कार साहित्य जीत गये, न ही ग्रीन और न ही नोबोकोव को यह पुरस्कार मिला। [34]
अर्जेन्टीना के लेखक जोर्ज लूईस बोर्गस को इस पुरस्कार के लिए कई बार नामित किया गया पर जैसे कि बोर्गस के जीवनी लेखक एडविन विलियमसन कहते हैं कि अकादमी ने उन्हें यह पुरस्कार नहीं दिया क्यों कि अर्जेन्टीना और चिली के कुछ दक्षिणपंथी सैन्य तानाशाह का समर्थन करते हैं, जिसमें पिनोचिट भी शामिल है जो कि टॉयबिन की विलियम बोर्गस : ए लाइफ की समीक्षा के अनुसार एक जटिल सामाजिक और व्यक्तिगत संदर्भ में है।[35] 'बोर्गस का दक्षिणपंथी तानाशाहों का समर्थन करने के कारण नोबेल पुरस्कार न जीत पाना, जोसेफ स्टेलिन जैसे पुरस्कार विजेताओं के बिल्कुल विपरीत जिन्होनें खुले तौर पर सार्टरे और नेरूडा केस में दक्षिण पंथी तानाशाहों का समर्थन किया था।[36][37]
1997 में जब इटली के कलाकार डेरियो फो को यह पुरस्कार दिया गया तो शुरू में यह कुछ आलोचकों को प्रभावहीन लगा। क्यों कि उन्हें प्राथमिक तौर एक कलाकार ही माना जाता था और रोमन कैथोलिक चर्च उनपर पहले सेंसर भी लगा चुका था।[38] सलमान रूशदी और ओरथर मिलर को यह पुरस्कार देने के लिए सबका समर्थन मिल रहा था, लेकिन बाद में नोबेल व्यवस्थापकों ने यह कहा कि वे बहुत ज्यादा संभावित और लोकप्रिय हैं।[39]
यहां पर इस बात को लेकर भी आलोचना हो रही थी कि 1989 में आखिर अकादमी ने रूशदी के खिलाफ अयातुल्लाह रूहाल्लाह खोमिनी के द्वारा सलमान रूशदी को मार डालने का फतवा जारी होने पर, अपना समर्थन क्यों वापिस ले लिया। अकादमी के दो सदस्यों ने तो रुशदी का समर्थन न करने के कारण इस्तीफा भी दे दिया। [40][41]
सन 2004 में एलफ्रेड जेलिनेक को विजेता चुने जाने का स्वीडिश आकदमी के एक सदस्यनॉट अहॉनलंड ने विरोध किया। अहॉनलंड ने 1996 से इस अकादमी में कोई सक्रीय भूमिका नहीं निभाई थी। अहॉनलंड ने यह कहते हुए अपना इस्तीफा दे दिया कि जेलिनेक को चुनने से पुरस्कार की गरिमा को ठेस पहुंची है।[40][41]
2005 के पुरस्कार के लिए हैरोल्ड पिन्टर के चयन में कुछ दिनों की देरी की गई, ऐसा लग रहा था कि यह अहॉनलंड के इस्तिफे की वजह से हो रहा था और इस तरह से एक नई अटकलें इस बात को लेकर शुरू हो गईं कि स्वीडिश अकादमी में पुरस्कार वितरण में भी राजनीति होती है।[42] यद्यपि पिंटर अपना स्वास्थ खराब होने के कारण स्वयं उपस्थित होकर अपना विवादस्पद नोबेल व्याख्यान नहीं दे सकते थे, इसलिए उन्होनें स्टॉकहोम में उपस्थित अपने स्वीडिश अकादमी के श्रोताओं के लिए यह व्याख्यान टीवी स्टूडियो के वीडियो माध्यम से दिया। उनकी टिप्पणियां कई वादविवाद और व्याख्यानों का स्रोत रही हैं। जब 2006 तथा 2007 में ओरहन पैमुक और डोरिस लेसिंग को 2006 तथा 2007 में पुरस्कार देने की बात आई तो इसके जवाब में राजनीतिक रैवेये का मुद्दा भी उठाया गया। [43]
यूरोपियन लेखकों और मुख्य रूप से स्वीडन के लेखकों पर पूरी तरह से ध्यान होना ही इस बढ़ते विवाद की वजह है, यह विवाद कई सवीडिश अखबारों की तरफ से भी है।[44] पुरस्कारों को जीतने वालों में ज्यादातर संख्या एशिया के बजाय, यूरोपियन और खुद स्वीडन के लोगों की है। 2008 में होरेस इंगदल, उस समय के अकादमी के स्थाई सचिव, इन्होनें यह घोषणा की कि यूरोप ही अभी भी साहित्य जगत का केंद्र है और यू.एस अभी काफी दूर और अकेला है। वे ज्यादा अनुवाद नहीं करते हैं और न ही साहित्य कर्म के बड़े बड़े वार्तालाप में हिस्सा लेते हैं।[45] 2009 में इंगदहल की जगह लेने वाले पीटर इंग्लैण्ड ने इस मत को अस्वीकार किया (कई भाषा क्षेत्रों में ऐसे लेखक हैं जो वास्तव में नोबेल पुरस्कार जीतने के लायक हैं और यह बात संयुक्त राष्ट्र और अमरीका पर भी लागू होती है) और उन्होनें यह स्वीकार किया कि इस पुरस्कार का यूरोप केंद्रित होना एक समस्या है। हम यूरोपियन साहित्य और यहां की परंपरा की ओर झुकाव महसूस करते हैं।[46] 2009 में पुरस्कार हेरटा म्यूलर को पुरस्कार दिया गया, जो कि इससे पहले जर्मनी से बाहर ज्यादा पहचान नहीं रखते थे। लेकिन इन्हें कई बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किया गया था। इस बात ने इस आलोचना को एक बार फिर से भड़का दिया कि पुरस्कार स्मिती पक्षपातपूर्ण और यूरोकेंद्रित है।[47] हालांकि 2010 का पुरस्कार साउथ अमेरिका के पेरू की निवासी मारियो वरगास लियोसा को दिया गया था।
स्वीडिश अकादमी बोर्ड के सदस्यों के बारे में विवाद
18 सदस्यीय समिति की सदस्यता, जो विजेताओं का चयन करती हैं, तकनीकी रूप से जीवन पर्यन्त के लिए होती है। सदस्यों को समिति से बाहर जाने की इजाजत नहीं होती है, हालांकि वे चयन प्रक्रिया में भाग लेने से इंकार कर सकते हैं। वे सदस्य जो अपनी बोर्ड सीट में भाग नहीं लेते हैं, उनके मरने तक खाली रखे जाते हैं।[48] नामांकन के लिए बारह सक्रिय सदस्यों की आवश्यकता होती है।[48]
1989 में, अयतोल्ला रूहौला खोमेनी ने द शैटानिक वर्सेज के लेखक सलमान रुश्दी के विरुद्ध अपमान जनक टिप्पणी की थी, विवाद बढ़ने के बाद भी अकादमी ने उसकी निंदा करने से इनकार कर दिया। इसके बाद विरोध में तीन सदस्यों ने समिति से इस्तीफा दे दिया।[49]
अप्रैल 2018 में, अकादमी बोर्ड के तीन सदस्यों ने एक सदस्य के यौन दुर्व्यवहार जांच के जवाब में इस्तीफा दे दिया जिसमें लेखक जीन-क्लाउड अर्नाल्ट शामिल थे, जो बोर्ड के सदस्य कैटरीना फ्रॉस्टेंसन से विवाहित हैं। तीन सदस्यों ने बोर्ड सचिव के सारा डैनियस के फैसले के विरोध में इस्तीफा दे दिया, उन्होंने महसूस किया कि वे अर्नल्ट के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई नहीं कर रही थी।[48][49][50]
10 अप्रैल को, डेनियस को अकादमी द्वारा अपने पद से इस्तीफा देने के लिए कहा गया, और रिक्त पदों की संख्या चार तक पहुंच गई। फ्रॉस्टेंसन ने स्वेच्छा से अकादमी में भाग लेने से मना कर दिया, जिससे रिक्त पदों की संख्या पांच पहुँच गई। चूंकि दो अन्य पद रश्दी मामले से अभी भी खाली थे, अब केवल 11 सक्रिय सदस्य ही बच गये थे, चुकिं कोरम के लिये १२ सदस्यों की आवश्यक्ता होती हैं, अत: 2018 के लिए विजेता चुनना तकनीकी रूप से असंभव था। 4 मई 2018 को, स्वीडिश अकादमी ने घोषणा की कि चयन 2019 तक के लिये स्थगित कर दिया गया है, अगले वर्ष दो पुरस्कार विजेताओं का चयन किया जाएगा।[51][52][53]
इन्हें भी देखें
- नोबेल पुरस्कार
- साहित्य में नोबेल पुरस्कृत व्यक्तियों की सूची
- साहित्यिक पुरस्कारों की सूची
- नोबेल लाइब्रेरी
- देश के अनुसार नोबेल पुरस्कार विजेताओं के नाम
- देश के अनुसार नोबेल पुरस्कार का विकास
- प्रीमियम इम्पेरियल, अन्य ललित कला के लिए जापान द्वारा पुरस्कृत
सन्दर्भ
Each Nobel Prize consists of a gold medal, a diploma bearing a citation, and a sum of money, the amount of which depends on the income of the नोबेल संस्थान. (A sum of $1,300,000 accompanied each prize in 2005.) A Nobel Prize is either given entirely to one person, divided equally between two persons, or shared by three persons. In the latter case, each of the three persons can receive a one-third share of the prize or two together can receive a one-half share.
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की उपेक्षा की गयी (मदद)Not many women, a weakness for Anglo-Saxon literature and an ostrich-like ability to resist popular or political pressure. Alex Duval Smith reports from Stockholm on the strange and secret world of the Swedish Academy.
Few people would deny Harold Pinter is a worthy recipient of the 2005 Nobel Prize for Literature. As a poet, screenwriter and author of more than 30 plays, he has dominated the English literary scene for half a century. However, his outspoken criticism of US foreign policy and opposition to the war in Iraq undoubtedly make him one of the more controversial figures to be awarded this prestigious honour. Indeed, the Nobel academy's decision could be read in some quarters as a selection with an inescapably political element. 'There is the view that the Nobel literature prize often goes to someone whose political stance is found to be sympathetic at a given moment,' said Alan Jenkins, deputy editor of the Times Literary Supplement. 'For the last 10 years he has been more angry and vituperative, and that cannot have failed to be noticed.' However, Mr Jenkins insists that, though Pinter's political views may have been a factor, the award is more than justified on artistic criteria alone. 'His dramatic and literary achievement is head and shoulders above any other British writer. He is far and away the most interesting, the best, the most powerful and most original of English playwrights.'
बाहरी कड़ियाँ
विकिमीडिया कॉमन्स पर Nobel Prize in Literature से सम्बन्धित मीडिया है। |
- "ऑल नोबेल लिट्रेट्स इन लिट्रेचर" - नोबेल फाउंडेशन की आधिकारिक साइट के सूचकांक पृष्ठ पर.
- "दी नोबेल प्राइज़ एवार्ड सेरिमनी - नोबेल फाउंडेशन की आधिकारिक हाइपरलिंक वेबपृष्ठ.
- "दी नोबेल प्राइज़ फॉर लिट्रेचर" - नोबेल फाउंडेशन की आधिकारिक वेबपेज.
- ग्राफिक्स: नेशनल लिट्रेचर नोबेल प्राइज़ शेयर्स 1901-2009 बाय सिटीजनशिप एट दी टाइम ऑफ दी एवार्ड और बाय कंट्री ऑफ बर्थ. जे. स्चमिधुबेर (2010) से, इवॉल्यूशन ऑफ नेशनल नोबेल प्राइज़ शेयर्स इन दी 20थ सेंचुरी arXiv: 1009.2634v1 पर
- "दी नोबल प्राइज़ मेडल्स एंड दी मेडल फॉर दी प्राइज़ इन इकॉनोमिक्स" - बिर्गिता लेमल द्वारा; आधिकारिक वेबसाइट पर चित्रित किये गए पदको के डिजाइन के इतिहास पर एक लेख.
- "वॉट दी नोबेल लॉरीअट रिसीव" - नोबेल फाउंडेशन के आधिकारिक साइट पर "दी नोबेल प्राइज़ एवार्ड सेरिमनीज़" में प्रदर्शित लिंक
- "हाउ दी अकेडमी रिजेक्टेड दी वुमन" - लेख (स्वीडिश में, पुरालेख नोबेल पर आधारित दस्तावेज़) महिला लेखिकाओं के विषय में साल 50 गोपनीयता करने के लिए, नियम, 1901 नामित किया गया है कि 1950/1959 से (; सभी में 44, महिला लेखिकाओं 124 बार नामांकित किया गया था, (1909 Lagerlöf, 1926 देलेद्दा, 1928 उन्द्सेट, 1938 बक, 1945 मिस्ट्रल) जिनके बीच केवल पांच पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- "दी ट्रांसलेटर पुट्स स्टेम्प ऑन दी नोबेल प्राइज़" - लेख (स्वीडिश में, पुरालेख नोबेल में दस्तावेज़ों पर आधारित) साहित्य में नोबेल पुरस्कार के संदर्भ में 'ट्रांसलेशन-प्रोब्लम' के विषय पर.
- "दी राइज़ ऑफ दी प्राइज़" - 1900 से 2000 के दशक में, नीलांजना एस. रॉय द्वारा लेख नीलांजना