जनसङ्ख्या

जीव विज्ञानमे, विशेष प्रजातिक अन्त: जीव प्रजननक सङ्ग्रहके जनसङ्ख्या कहल जाइत अछि । समाजशास्त्रमे एकरा मनुष्यसभक सङ्ग्रह कहल जाइत अछि । जनसङ्ख्याक भितर आबै वाला प्रत्येक व्यक्ति किछ पहलू एक दोसरसँ बटैत अछि ।[१][२]

सन् १९९४ मे विश्वक जनसङ्ख्या वितरण
विश्वक कूल जनसङ्ख्या वितरण

जनसाङ्ख्यिकीक प्रयोग विपणनमे व्यापक रूपसँ होइत अछि, ई आर्थिक एकाइसभ, जेना कि खुदरा व्यापारिसभ, सम्भावित ग्राहकसभसँ सम्बन्धित अछि । उदाहरणक लेल, एक कफीक दोकान अछि जे कि युवासभके अपन ग्राहक बनाबै लेल चाहैत अछि, एना करवाक लेल ओ ओहि क्षेत्रक जनसाङ्ख्यिकी देखैत अछि ताकि ओ युवा दर्शकसभके आकर्षित करैमे सक्षम भऽ सकै ।[३]


विश्व जनसङ्ख्या

सन्दर्भ सामग्रीसभ

बाह्य जडीसभ

एहो सभ देखी