विजयादशमी

(दशहरासँ पुनर्निर्देशित)

विजयादशमी वा बडा दशैं (अन्य नाम: दशहरा, दशमी, नवरात्र, आयुध-पूजाप्रणय) नेपाल, भारत आ अन्य देशसभमे रहल हिन्दूसभक प्रमुख पावनि अछि । ई नेपालक राष्ट्रिय पावनि समेत रहल अछि । विजयादशमी (नवरात्र) हिन्दू धर्मवलम्बीसभ आश्विन शुक्ल प्रतिपदासँ नवमीधरि (नवरात्रभर) शक्तिक आराधना करि दशम दिन भोर दशमीक दिन टीका-प्रसाद ग्रहण आ विशेष रुपमे पुर्णिमा धरि (प्रसाद ग्रहणक लेल) मनाओल जाइत अछि । आश्विन शुक्ल प्रतिपदा (घटस्थापना)मे जमरा राखि नवमीधरि नवरात्र विधिपूर्वक प्रतिदिन भिन्न भिन्न देवीसभक पूजा होइत अछि | प्रतिपदासँ क्रमशः शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघण्टा, कुष्माण्डा, स्कन्दमाता, कात्यायिनी, कालरात्री, महागौरीसिद्धिदात्री करि अन्तिममे नवदुर्गाक पूजा करैत सप्तशती (चण्डी) पाठ करि नवदुर्गा आ त्रीशक्ति महाकाली, महालक्ष्मी आ महासरस्वतीक विशेष पूजाआजा आ आराधाना कएल जाइत अछि ।

विजयादशमी
Vijayadashami
विजयादशमी Vijayadashami
दुर्गा माता
अन्य नामविजयादशमी, आयुध-पूजा, दसेहरा, दसाहरा, दसेरा, दसारा, दशैं, प्रणय
समुदायहिन्दू
प्रकारधार्मिक
महत्वमहिषासुर राक्षसक वध, श्रीरामद्वारा रावणउपर विजय प्राप्त, दुर्गाद्वारा दैत्य चण्ड-मुण्ड तथा शुम्भ-निशुम्भके वध कएल खुसियालीमे मनाएल जाइत अछि
अनुष्ठानमुख्य दिन दुर्गा पूजाक अन्तिम दिनक रूपमे मनेवाक सङ्गे एक-आपसमे खुसियाली मेलजोल कएल जाइत अछि।
पावनिसभदुर्गा पूजा,टीका,जमरा लगेनाए
आरम्भआश्विन शुक्ल प्रतिपदासँ पूर्णिमाधरि
तिथिआश्विन शुक्ल दशमीनमूना परिक्रम भेटल: आकृति:Infobox holiday/wd
२०२४ मेdate missing (please add)
सुरूवातकर्ताप्राचिन कालसँ
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विजयादशमीक दिन भगवतीद्वारा दानवी शक्ति उपर आ रामद्वारा रावन उपर विजय हासिल कएल उपलक्ष्य आ खुसीयालीमे नवदुर्गा भवानीक प्रसादस्वरुप लाल टिका आ जमरा लगेबाक चलन अछि ।[२][३] आसिन (आश्विन) महिनाक शुक्ल पक्षक दशमी तिथिक दिन ई पावनिक प्रमुख दिन छी । बताएल जाइत अछि कि भगवान् राम एहि दिन रावणक वध केनए छल । एकरा असत्य उपर सत्यके विजयक रूपमे लेल जाइत अछि । एहिकारण, ई दशमीके विजयादशमी कहल गेल अछि । आसपासक लोकके सेहो सहज होए ताहि हेतु ई कार्य पूर्णिमाधरि चलति अछि । अपन नाता कुटुम्ब पैग वुजुर्ग आ मान्यजनसँ टिका तथा जमरा लगाए आ आशीर्वाद प्राप्त करनाए, नव नव लत्ता कपडासभ लगानाए, अपन क्षमताअनुसार बढिया खाना खेनाए-खुवेनाए, घर आँगन, बाटघाट, गाम बस्ती सफासुग्गर राखनाए जका काम ई पावनिमे विशेष उत्साहक सङ्ग कएल जाइत अछि ।

विजयादशमी वर्षक तीन अत्यन्त शुभ तिथिसभमे पडैत अछि: चैत महिनाक शुक्ल पक्षमे तथा कात्तिक महिनाक शुक्ल पक्षक प्रतिपदा तिथिमे । ई दिनसभने हिन्दूसभ नव कार्य आरम्भ करैत अछि, शस्त्रक पूजा करैत अछि । प्राचीन कालमे राजासभ एहि दिन विजयक प्रार्थना करि रण-यात्राक लेल प्रस्थान करैत छल । ई दिन ठाम-ठाममे मेलासभ लागति छल । अखनो नेपालक पूर्वी भाग आ भारतमे रामलीलाक आयोजन कएल जाइत अछि ।[४] रावणक विशाल पुतला बनाए जलाएल जाइत अछि । हर्ष एवं उल्लास तथा विजयक पर्व विजयादशमीक छी । हिन्दू संस्कृति वीरताक पूजक तथा शौर्यक उपासक छी । व्यक्ति आ समाजक खुनमे वीरता प्रकट होए ताहि ध्येयसँ विजयादशमीक उत्सव आरम्भ भेल छल । विजयादशमी पर्व दश प्रकारक पापसभ- काम, क्रोध, लोभ, मोह मद, मत्सर, अहङ्कार, आलस्य, हिंसा आ चोरी त्याग करकि प्रेरणा दति अछि । [५]

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द्वारे ओर पढे सङ्ग्रहित २०२२-१०-०५ वेब्याक मेसिन

सामाजिक महत्व

भारत तथा नेपाल कृषि प्रधान देश छी । जब कृषक अपन खेतमे सोनगर फसल रोपि अन्न रूपी सम्पत्ति घरमे लाबैत अछि तब ओकर खुसी तथा उमङ्गक सीमा नै होइत अछि। एहि खुसीक अवसरमे भगवानक कृपा मानि कृतज्ञता प्रकट करिकलेल पूजा करति अछि । दक्षिण एसियाक बहुतेक देशमे विशेष करि भारत, नेपाल, भुटान, बंगलादेश, पाकिस्तानबर्मा (म्यानमार)मे ई पावनि विभिन्न प्रकारसँ मनाएल जाइत अछि ।

नेपाली समाज

विजयादशमी नेपालीसभक सबसँ विशेष पावनि मानल जाइत अछि । नेपाली हिन्दू पतरा अनुसार आश्विन शुक्ल प्रतिपदासँ दशमीधरि १० दिन पूजापाठ, व्रत आ उत्सवक सङ्ग ई पावनि मनावैत अछि । विशेष तथा हर्षोल्लास पावनि भेला कारण ई पावनिके विजयादशमी वा विजय दशमीक नामसँ सेहो चिनहल जाइत अछि। हिन्दू चन्द्र मासिक पञ्चाङ्ग गणनाक तिथि अनुसार भेला कारण नेपाली पावनिसभ निश्चित तिथि आ तारिखमे नै होइतअछि तहिना अङ्ग्रेजी वा ग्रेगरियन क्यालेण्डर अनुसार विजयादशमी सितम्बर महिनाक अन्त्यसँ अक्टुबर महिनाक मध्यमे पडैत अछि । विजयादशमी आश्विन शुक्ल प्रतिपदाक दिनसँ आरम्भ होइत अछि आ एकर पहिल दिनके घटस्थापना कहल जाइत अछि । विजयादशमी प्रतिपदा घटस्थापनासँ पूर्णिमा(कोजाग्रत) धरि १५ दिनक होइत अछि । एकर सुरुवाती ९ दिनके नवरात्रि आ दशम दिनके दशमी वा विजयादशमी कहल जाइत अछि | ई तिथिमे माता दुर्गाद्वारा महिषासुर नामक दैत्यके तथा भगवान् श्री रामचन्द्रद्वारा रावणके वध करि मानवजातिक कल्याण कएल किम्वदन्ती अछि । प्रतिपदा (घटस्थापना), सप्तमी (फूलपाती), महाअष्टमी, (कालरात्री), महानवमी, विजयादशमी आ पूर्णिमा (कोजाग्रत) विजयादशमीक प्रमुख तिथिसभ छी।


टिप्पणीसभ

   क.    ^ आश्विनस्य सिते पक्षे दशम्यां तारकोदये।

स कालो विजयो ज्ञेयः सर्वकार्यार्थसिद्धये॥

   ख.    ^ मम क्षेमारोग्यादिसिद्ध्‌यर्थं यात्रायां विजयसिद्ध्‌यर्थं

गणपतिमातृकामार्गदेवतापराजिताशमीपूजनानि करिष्ये।

   ग.    ^ यत्र योगेश्वरः कृष्णो यत्र पार्थों धनुर्धरः।

तत्र श्रीर्विजयो भूतिर्ध्रुवा नीतिर्मतिर्मम॥

सन्दर्भ सामग्री

वाह्य लिङ्कस

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एहो सभ देखी