बेंजीन

६-कार्बन अणु


बेंज़ीन या धूपेन्य एक हाइड्रोकार्बन है जिसका अणुसूत्र C6H6 है। बेंजीन का अणु ६ कार्बन परमाणुओं से बना होता है जो एक छल्ले की तरह जुड़े होते हैं तथा प्रत्येक कार्बन परमाणु से एक हाइड्रोजन परमाणु जुड़ा होता है।

बेंजीन के विभिन्न प्रकार के निरूपण
साँचा:Chembox LambdaMaxसाँचा:Chembox MagSusसाँचा:Chembox DeltaHcसाँचा:Chembox HeatCapacity
Benzene
Skeletal formula detail of benzene
Skeletal formula detail of benzene
Benzene ball-and-stick model
Benzene ball-and-stick model
बेंजीन अणु
आईयूपीएसी नामबेंजीन (Benzene)
अन्य नामBenzol, Phene, Phenyl hydride
पहचान आइडेन्टिफायर्स
सी.ए.एस संख्या[71-43-2][CAS]
पबकैम 241
EC संख्या200-753-7
केईजीजीC01407
रासा.ई.बी.आई16716
RTECS numberCY1400000
SMILES
InChI
कैमस्पाइडर आई.डी 236
गुण
रासायनिक सूत्रC6H6
मोलर द्रव्यमान78.11 g mol−1
दिखावटColorless liquid
गंधAromatic, gasoline-like
घनत्व 0.8765(20) g/cm3[1]
गलनांक

5.53 °C, 279 K, 42 °F

क्वथनांक

80.1 °C, 353 K, 176 °F

जल में घुलनशीलता1.53 g/L (0 °C)
1.81 g/L (9 °C)
1.79 g/L (15 °C)[2][3][4]
1.84 g/L (30 °C)
2.26 g/L (61 °C)
3.94 g/L (100 °C)
21.7 g/kg (200 °C, 6.5 MPa)
17.8 g/kg (200 °C, 40 MPa)[5]
 घुलनशीलताSoluble in alcohol, CHCl3, CCl4, diethyl ether, acetone, acetic acid[5]
ethanediol में घुलनशीलता5.83 g/100 g (20 °C)
6.61 g/100 g (40 °C)
7.61 g/100 g (60 °C)[5]
ethanol में घुलनशीलता20 °C, solution in water:
1.2 mL/L (20% v/v)[7]
acetone में घुलनशीलता20 °C, solution in water:
7.69 mL/L (38.46% v/v)
49.4 mL/L (62.5% v/v)[7]
diethylene glycol में घुलनशीलता52 g/100 g (20 °C)[5]
log P2.13
वाष्प दबाव12.7 kPa (25 °C)
24.4 kPa (40 °C)
181 kPa (100 °C)[6]
रिफ्रेक्टिव इंडेक्स (nD)1.5011 (20 °C)
1.4948 (30 °C)[5]
श्यानता0.7528 cP (10 °C)
0.6076 cP (25 °C)
0.4965 cP (40 °C)
0.3075 cP (80 °C)
ढांचा
आण्विक आकारTrigonal planar
Dipole moment0 D
Thermochemistry
फॉर्मेशन की मानक
एन्थाल्पी
ΔfHo298
48.7 kJ/mol
मानक मोलीय
एन्ट्रॉपी
So298
173.26 J/mol·K[6]
खतरा
EU वर्गीकरणसाँचा:Hazchem F साँचा:Hazchem T
Carc. Cat. 1
Muta. Cat. 2
Main hazardspotential occupational carcinogen, flammable
NFPA 704
3
2
0
 
R-फ्रेसेज़साँचा:R45, साँचा:R46, R11, साँचा:R16, R36/38,साँचा:R48/23/24/25, साँचा:R65
S-फ्रेसेज़साँचा:S53, S45
Explosive limits1.2–7.8%
यू.एस अनुज्ञेय
अवस्थिति सीमा (पी.ई.एल)
TWA 1 ppm, ST 5 ppm[8]
एलडी५०930 mg/kg (rat, oral)
जहां दिया है वहां के अलावा,
ये आंकड़े पदार्थ की मानक स्थिति (२५ °से, १०० कि.पा के अनुसार हैं।
ज्ञानसन्दूक के संदर्भ

बेंजीन, पेट्रोलियम (क्रूड ऑयल) में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है। कोयले के शुष्क आसवन से अलकतरा तथा अलकतरे के प्रभाजी आसवन (fractional distillation) से बेंजीन बड़ी मात्रा में तैयार होता है। प्रदीपन गैस से प्राप्त तेल से फैराडे ने 1825 ई॰ में सर्वप्रथम इसे प्राप्त किया था। मिटशरले ने 1834 ई॰ में बेंज़ोइक अम्ल से इसे प्राप्त किया और इसका नाम बेंजीन रखा। अलकतरे में इसकी उपस्थिति का पता पहले पहल 1845 ई॰ में हॉफमैन (Hoffmann) ने लगाया था। जर्मनी में बेंजीन को 'बेंज़ोल' कहते हैं।

बेंजीन रंगहीन, मीठी गन्थ वाला, अत्यन्त ज्वलनशील द्रव है। इसका उपयोग एथिलबेंजीन्न और क्यूमीन (cumene) आदि भारी मात्रा में उत्पादित रसायनों के निर्माण में होता है। चूँकि बेंजीन का ऑक्टेन संख्या अधिक होती है, इसलिये पेट्रोल में कुछ प्रतिशत तक यह मिलाया गया होता है। यह कैंसरजन है जिसके कारण इसका गैर-औद्योगिक उपयोग कम ही होता है।

गुण

धूपेन्य प्रांगार और उदजन का एक यौगिक, हाइड्रोकार्बन, है। यह वर्णहीन और प्रबल अपवर्तक द्रव है। इसका क्वथनांक 80 डिग्रीसें॰, ठोस बनने का ताप 5.5 डिग्रीसें॰ और घनत्व 0 डिग्रीसें॰ पर 0.899 है। इसकी गंध ऐरोमैटिक और स्वाद विशिष्ट होता है। जल में यह बड़ा अल्प विलेय, सुषव में अधिक विलेय तथा ईथर और कार्बन डाइसल्फाइड में सब अनुपातों में विलेय है। विलायक के रूप में रबर, गोंद, वस, गंधक और रेज़िन के घुलाने में प्रचुरता से प्रयुक्त होता है। जलते समय इससे धुंआँ निकलता है। रसायनत: यह सक्रिय होता है। नीरजी से दो प्रकार का यौगिक बनता है : एक योगशील और दूसरा प्रतिस्थापित यौगिक। गन्धकाम्ल से धूपेन्य गन्धकाम्ल, भूयिकाम्ल (नाइट्रिक अम्ल) से भूया (नाइट्रो) धूपेन्य और ओज़ोन से धूपेन्य ट्राइओज़ोनाइड, [C6H6 (O3)3] बनता है। अवकरण से धूपेन्य साइक्लो हेक्सेन बनता है।

विलायक के अतिरिक्त, धूपेन्य बड़ी मात्रा में ऐनिलीन, कृत्रिम प्रक्षालक, कृमिनाशक, डी॰डी॰टी॰, दर्शव (जिससे प्लास्टिक बनते हैं), इत्यादि के निर्माण में प्रयुक्त होता है। मोटर इंजन के लिए पेट्रोल में कुछ धूपेन्य मिलाने से पेट्रोल की उत्कृष्टता बढ़ जाती है।

संरचना

बेंजीन में छह कार्बन परमाणु और छह हाइड्रोजन परमाणु हैं, अत: इसका अणुसूत्र (C6H6) है। केकूले ने 1865 ई॰ में पहले पहल सिद्ध किया कि इसके छह कार्बन परमाणु एक वलय के रूप में विद्यमान हैं, जिसको धूपेन्य वलय की संज्ञा दी गई है। प्रत्येक कार्बन परमाणु एक बंध से हाइड्रोजन से और दो से अन्य निकटवर्ती कार्बन परमाणुओं से संबद्ध रहता है। कार्बन का चौथा बंध युग्म बंध के रूप में उपस्थित माना गया है। ऐसे संरचनासूत्र से बेंज़ोन के गुणों की व्याख्या बड़ी सरलता से हो जाती है। ऊपर दिया हुआ यह सूत्र प्राय: सर्वमान्य है।

बेंजीन के विभिन्न प्रस्तावित संरचनात्मक सूत्र
Von Adolf Karl Ludwig Claus (1867)Von James Dewar (1867)Von Albert Ladenburg (1869)Von Henry Edward Armstrong (1887),
Adolf von Baeyer (1888)
Von Friedrich Karl Johannes Thiele (1899)Von August Kekulé (1872)

बेंजीन की प्राप्ति के लिए अलकतरे को इस्पात के भभकों में आसुत करते हैं। जो आसुत 90 डिग्री सें. और 170 डिग्री सें. के बीच प्राप्त होता हे, उसे हल्का तेल कहते हैं। पानी से हलका होने के कारण यह हल्का कहा है। हल्के तेल को पहले सोडियम हाइड्रॉक्साइड के जलीय विलयन जाता से धोकर अम्लों को निकाल लेते हैं। फिर सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल से धोकर क्षारों को निकाल लेते हैं। इसके बाद प्रभाजी स्तंभ की सहायता से प्रभाजन कर धूपेन्य को पृथक् करते हैं। यही व्यापार का धूपेन्य है। इसमें अब भी कुछ अपद्रव्य, थायोफीन और अन्य हाइड्रोकार्बन मिले रहते हैं। सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल द्वारा उपचार के बाद उत्पाद के क्रिस्टलीकरण से शुद्ध धूपेन्य प्राप्त होता है।

बेंजीन से व्युत्पन्न दैनिक जीवनोपयोगी विभिन्न रसायन एवं बहुलक

बाहरी कड़ियाँ

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