आईएसआईएस
सारी दुनिया जिसे इस्लामी जिहाद बोल रही है आईएसआईएस को यह इजराइल का एक प्रोपेगेंडा है। इसराइल हमेशा इस्लाम को बदनाम करना चाहता है और हमेशा इस्लामी देशों में आतंकी हमले करता रहता है। Isis Jo sangathan hai iski ijaad khud Israel ne ki hai aur iska naam Islamic state off Iraq and Syria nahin hai, आईएसआईएस असल में Israel secret Intelligence Services है,और ये कभी भी इसराइल में हमले नही करता है।
इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवेंट | |
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الدولة الإسلامية في العراق والشام ad-Dawlah al-Islāmiyah fī 'l-ʿIrāq wa-sh-Shām | |
Founder | अबु मुसाब अल-जरकावी †[3] |
Leaders |
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Dates of operation | 1999–present 1999: Established under the name of Jama'at al-Tawhid wal-Jihad October 2004: Joined al-Qaeda 13 October 2006: Declaration of an Islamic state in Iraq 8 April 2013: Claim of territory in the Levant 3 February 2014:[16] Separated from al-Qaeda:[17] 29 June 2014: Declaration of caliphate 13 November 2014: Claim of territory in Libya, Egypt, Algeria, Saudi Arabia, Yemen 29 January 2015: Claim of territory in South Asia[18] 12 March 2015: Claim of territory in Nigeria[19] 23 June 2015: Claim of territory in North Caucasus[20] 20 July 2017: Recapture of Mosul by Iraqi forces 17 October 2017: Capture of Raqqa by SDF forces 23 March 2019: Loses all of its territory in Syria 27 October 2019: Killing of Baghdadi : |
Group(s) |
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Headquarters |
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Active regions | ISIL's territory, in grey, at the time of its greatest territorial extent (May 2015)[29]. Map legend ██ Islamic State of Iraq and the Levant ██ Iraqi government ██ Syrian government ██ Lebanese government ██ Iraqi Kurdistan forces ██ Syrian Kurdistan forces ██ Syrian opposition forces ██ Turkish Armed Forces ██ Tahrir al-Sham (HTS) ██ Hezbollah Note: Iraq and Syria contain large desert areas with sparse populations. These areas are mapped as under the control of forces holding roads and towns within them. Detailed current maps Detailed map of the Syrian, Iraqi, and Lebanese conflicts Detailed map of the Libyan Civil War Detailed map of the Sinai insurgency Detailed map of the Nigerian insurgency Detailed map of the Yemeni Civil War Detailed map of the Taliban insurgency |
Ideology | |
Size | List of combatant numbers Inside Syria and Iraq: Outside Syria and Iraq: 32,600–57,900 (See Military activity of ISIL for more detailed estimates.) Estimated total: 61,200–257,900 |
Allies | See section |
Opponents | State opponents
Many others अफ़ग़ानिस्तान[51] Abkhazia अल्बानिया[50] Algeria[52] Armenia Artsakh Azerbaijan ऑस्ट्रेलिया[53] ऑस्ट्रिया[50] बहरीन[50] Bangladesh Belgium Benin Bolivia[54] बॉस्निया और हर्ज़ेगोविना[50][55] ब्राज़ील[56] Cameroon Chad China[57] कांगो क्रोएशिया[50] चेक गणराज्य[50] Denmark Djibouti[58] मिस्र एस्टोनिया फिनलैंड[50] Georgia जर्मनी[59] यूनान[60] हंगरी[50] भारत इंडोनेशिया आयरलैंड[50] इज़राइल इटली[61] जापान[50] कज़ाख़िस्तान[62] उत्तर कोरिया[63] दक्षिण कोरिया[50] कोसोवो[50] किर्गिज़स्तान[64] लातविया लिथुआनिया लक्ज़मबर्ग[50] मलेशिया[65] मालदीव माल्टा[50] मॉरिशस[66] मेक्सिको[50] Non-state opponents
Full list...
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Battles and wars | the Iraq War (2003–2011), the Iraqi insurgency, the Syrian Civil War, the Iraqi Civil War, the Second Libyan Civil War, the Boko Haram insurgency, the War in North-West Pakistan, the War in Afghanistan, the Yemeni Civil War, and other conflicts Primary target of Operation Inherent Resolve and of the military intervention against ISIL in Syria, Iraq, Libya, and Nigeria |
स्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवेंट (आईएसआईएल) या इस्लामिक स्टेट ऑफ़ इराक एंड सीरिया यानी आईएसआईएस (अरबी : ﺍﻟﺪﻭﻟﺔ ﺍﻹﺳﻼﻣﻴﺔ al-Dawlah al-Islāmīyah) जून २०१४ में निर्मित एक उग्रवादी इस्लामी समूह तथा इराक एवं सीरिया में सक्रिय जिहादी सुन्नी सैन्य समूह है। अरबी भाषा में इस संगठन का नाम है 'अल दौलतुल इस्लामिया फिल इराक वल शाम'। इसका हिन्दी अर्थ है- 'इराक एवं शाम का इस्लामी राज्य'। शाम सीरिया का प्राचीन नाम है।[81][82]
आईएसआईएस नाम से इस संगठन का गठन अप्रैल 2013 में हुआ। इब्राहिम अव्वद अल-बद्री उर्फ अबु बक्र अल-बगदादी इसका मुखिया है।[83] शुरू में अल कायदा ने इसका हर तरह से समर्थन किया किन्तु बाद में अल कायदा इस संगठन से अलग हो गया। अब यह अल कायदा से भी अधिक मजबूत और क्रूर संगठन के तौर पर जाना जाता हैं।[84]
यह दुनिया का सबसे अमीर आतंकी संगठन है जिसका बजट 2 अरब डॉलर का है।[85] २९ जून २०१४ को इसने अपने मुखिया को विश्व के सभी मुसलमानों का खलीफा घोषित किया है। विश्व के अधिकांश मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्रों को सीधे अपने राजनीतिक नियंत्रण में लेना इसका घोषित लक्ष्य है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिये इसने सबसे पहले लेवेन्त क्षेत्र को अपने अधिकार में लेने का अभियान चलाया है जिसके अन्तर्गत जॉर्डन, इजरायल, फिलिस्तीन, लेबनान, कुवैत, साइप्रस तथा दक्षिणीतुर्की का कुछ भाग आता हैं।[86] 2015 में, ISIL को US $ 1 बिलियन से अधिक का वार्षिक बजट और 30,000 से अधिक सेनानियों के बल का अनुमान था।[87]
2014 के मध्य में, संयुक्त राज्य अमेरिका के नेतृत्व में एक अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन ने आईएसआईएल के खिलाफ सीरिया और इराक में हवाई हमले अभियान के साथ हस्तक्षेप किया, इसके अलावा, इराकी सुरक्षा बलों और सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेस में आईएसआईएल के दुश्मनों को आपूर्ति, हथियार, प्रशिक्षण और आपूर्ति की। इस अभियान ने बाद की दो ताकतों पर लगाम लगाई और नवजात इस्लामवादी प्रोटो-स्टेट को झटका दिया, जिससे उसके हजारों सैनिक मारे गए [१०ated] और इसके वित्तीय और सैन्य बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा। [१०]] इसके बाद सीरिया में विशेष रूप से एक छोटे पैमाने पर रूसी हस्तक्षेप हुआ, जिसमें आईएसआईएल ने हवाई हमले, क्रूज मिसाइल हमलों और अन्य रूसी सैन्य गतिविधियों में हजारों और सेनानियों को खो दिया और इसके वित्तीय आधार को और भी खराब कर दिया। [109] जुलाई 2017 में, समूह ने अपने सबसे बड़े शहर, मोसुल, इराकी सेना पर नियंत्रण खो दिया, इसके बाद इसकी डेको राजनीतिक राजधानी रक्का की सीरियाई डेमोक्रेटिक फोर्सेस को नुकसान हुआ। आईएसआईएल ने विभिन्न सैन्य बलों को इस क्षेत्र से हारना जारी रखा। [११०] दिसंबर 2017 तक, इस्लामिक स्टेट ने अपने अधिकतम क्षेत्र (मई 2015 में) का केवल 2% नियंत्रित किया। [111] दिसंबर 2017 में, इराकी बलों ने इस्लामिक स्टेट के आखिरी अवशेषों को खदेड़ दिया था, जिसके तीन साल बाद समूह ने इराक के एक तिहाई क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था। [112] मार्च 2019 तक, ISIL ने मध्य पूर्व में अपने अंतिम महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक को डेरी एज़-ज़ोर अभियान में खो दिया, अपने "तम्बू शहर" को आत्मसमर्पण कर दिया और अल-बग़ुज़ फ़ावकानी में जेबों को सीरियाई लोकतांत्रिक बलों में बग़ुज़ फ़ौकानी की लड़ाई के बाद छोड़ दिया।
31 अक्टूबर 2019 को, ISIL मीडिया ने घोषणा की कि अबु बक्र अल-बगदादी चार दिन पहले सीरिया के विद्रोही शासित इदलिब प्रांत में सीरियाई में अमेरिकी बारिशा छापे के दौरान अबू इब्राहिम अल-हाशमी अल-कुरैशी एक आत्मघाती बनियान में आत्महत्या कर लेने के बाद , इस्लामिक स्टेट का नया सरगना/चीफ था।[88][89][90]
नाम परिवर्तन
- 29 जून 2014 को एक नया खिलाफत की स्थापना के साथ अबु बक्र अल-बगदादी को नामित खलीफा और समूह को औपचारिक रूप से इसका नाम "इस्लामिक स्टेट" रख दिया गया
प्रचार का प्रपंच
आइएस का प्रचार तंत्र बेहद मजबुत है परंपरागत तौर तरीकों से लेकर आधुनिक तकनीक का प्रयोग। बर्बर विडियो दृश्यो से लेकर कट्टरपंथ को बढ़ावा देने बाले संदेशों को प्रचारित - प्रसारित करने के लिए दक्ष लोगो की पूरी टीम मौजूद लेकिन वर्तमान समय में इसका क्षेत्रफल सिकुड़ता जा रहा है।
आइएस की संपत्ति तथा आय के स्त्रोत
ऊर्जा संयंत्र
आइएस के कब्जे सीरिया के आठ बड़े ऊर्जा संयंत्र है इनसे बनी बिजली और गैस बेचकर बह मोटी कमाई करता था।
अपहरण
आइएस के आंतकी विदेशी नागरिकों और गैर मुस्लिमों को बंधक बनाते थे इनको छोड़ने के एवज में मोटी रकम वसूलते थे लेकिन अपहरण से 3 अरब सालाना वसूलते थे तथा बैंकों लूटकर भी अधिक धन जुटाता था।[91]
कच्चा तेल
आइएसआइएस एक समय में 34 हजार से 40 हजार बैरल तक कच्चा तेल बेचकर आइएस प्रतिदिन 10 करोड़ की कमाई करता था। उसके नियंत्रण में इराक और सीरिया के लगभग दस तेल के बड़े कुएँ थे आइएस से तेल खरीदने वाले इसकी तस्करी जार्डन तुर्की और ईरान जैसे देशों में होती थी लेकिन अब ये तेल के कुएं अब आइएस के कब्जे में नहीं है सेना ने स्बतन्त्र करा लिये
आइएसआइएस को विदेशी सहायता
विदेशी संगठन और कुछ देश आइएस को चंदे के रूप में हर महीने करोड़ो रुपये मुहैया कराते हैं वर्ष 2013 में खाड़ी देशों से ही आइएस को करीब 10 करोड़ का चंदा मिला था।[उद्धरण चाहिए]