रोमन संख्यांक

रोमन अंक या रोमन काउंट का प्रयोग प्राचीन रोम में किया जाता था

रोमन संख्यांक द्वारा दर्शायी गयी संख्यांक पद्धत्ति का प्राचीन रोम में उद्गम हुआ और भली भांति उत्तर मध्य युग में पूर्ण यूरोप में संख्याओं को लिखना का सामान्य तरीका बना रहा।

ऑस्ट्रिया के लोफ़र नामक शहर में एक गिरजे के ऊपर उसके निर्माण की तिथि रोमन अंकों में तराशी हुई है - MDCLXXVIII का अर्थ सन् १६७८ है

रोमन अंक प्राचीन रोम की संख्या प्रणाली है, जिसमें लातिनी भाषा के अक्षरों को जोड़कर संख्याएँ लिखी जाती थीं। पहले दस रोमन अंक इस प्रकार हैं -

संख्यारोमन अंकटिपण्णी
I
II
III
IV'V' का मतलब पाँच (५) होता है - इसकी बाएँ तरफ़ 'I' (यानि १) लिखने का मतलब है के वह संख्या घटाई जा रही है और ५-१ = ४ होता है
V
VI'V' का मतलब पाँच (५) होता है - इसकी दाएँ तरफ़ 'I' (यानि १) लिखने का मतलब है के वह संख्या बढ़ाई जा रही है और ५+१ = ६ होता है
VIIइसे ऐसे समझ सकते हैं के ५ ('V') में २ ('II') जोड़ा जा रहा है, जिस से ७ बनता है
VIII
IX'X' का मतलब दस (१०) होता है - इसकी बाएँ तरफ़ 'I' (यानि १) लिखने का मतलब है के वह संख्या घटाई जा रही है और १०-१ = ९ होता है
१०X

दस से अधिक संख्याएं

घड़ियों पर घंटों के नाम अक्सर रोमन अंकों में लिखे होते हैं
संख्यारोमन अंकटिपण्णी
११XI
१४XIVइसका अर्थ है के १० ('X') में दाएँ तरफ़ की संख्या ('V' यानि ५) जोड़ो और बाएँ तरफ़ की संख्या ('I' यानि १) घटाओ - १०+५-१=१४
१९XIX'XX' २० होता है और उसमें से १ घटाया जा रहा है - २०-१=१९
४०XL'L' का मतलब पचास (५०) होता है जिसमें से 'X' (१०) घटाया जा रहा है - ५०-१०=४०
८०LXXX५०+१०+१०+१०=८०
९०XC'C' का मतलब सौ (१००) होता है - इसकी दाएँ तरफ़ 'X' (यानि १०) लिखने का मतलब है के वह संख्या घटाई जा रही है और १००-१०=९० होता है
३००CCC
४००CD'D' यानि ५००, जिसमें से 'C' यानि १०० कम किये गए - जिससे ४०० बने
499CDXCIX'CD' का मतलब ४००, 'XC' का मतलब १००-१०=९० और 'IX' का मतलब १०-१=९ - यानि कुल मिलकर ४००+९०+९=४९९
१०००M
१९९४MCMXCIV१०००+(१०००-१००)+(१००-१०)+(५-१)=१०००+९००+९०+४=१९९४
३८८८MMMDCCCLXXXVIII

रोमन अंकों की कमियाँ

रोमन अंको में शून्य नहीं होता। इनमें बड़ी संख्याओं को लिखना बहुत कठिन हो जाता है - एक तो उनमें बहुत से अक्षर हो जाते हैं और उन्हें समझने में भी समय लगता है। क्योंकि भारतीय प्रणाली की स्थानीय मान (प्लेस वैल्यू) की अवधारणा इनमें नहीं है, इसलिए रोमन अंकों में गणित करना बहुत ही मुश्किल है। जैसे-जैसे भारतीय अंक पहले मध्य पूर्व और फिर यूरोप में फैलने लगे, रोमन अंकों का प्रयोग केवल वर्गों-अध्यायों के नामों के लिए ही होने लगा और गणित में इनकी भूमिका समाप्त हो गयी।

आईयूपीएसी के नये दिशानिर्देशों के अनुसार अब आवर्त सारणी के समूहों के नाम रोमन के बजाय हिन्दू अंकों में लिखे जाते हैं।

इन्हें भी देखें

🔥 Top keywords: जय श्री रामराम नवमीश्रीरामरक्षास्तोत्रम्रामक्लियोपाट्रा ७राम मंदिर, अयोध्याहनुमान चालीसानवदुर्गाअमर सिंह चमकीलामुखपृष्ठहिन्दीभीमराव आम्बेडकरविशेष:खोजबड़े मियाँ छोटे मियाँ (2024 फ़िल्म)भारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेशभारतीय आम चुनाव, 2024इंडियन प्रीमियर लीगसिद्धिदात्रीमिया खलीफ़ाखाटूश्यामजीभारत का संविधानजय सिया रामसुनील नारायणलोक सभाहनुमान जयंतीनरेन्द्र मोदीलोकसभा सीटों के आधार पर भारत के राज्यों और संघ क्षेत्रों की सूचीभारत के प्रधान मंत्रियों की सूचीगायत्री मन्त्ररामायणअशोकप्रेमानंद महाराजभारतीय आम चुनाव, 2019हिन्दी की गिनतीसट्टारामायण आरतीदिल्ली कैपिटल्सभारतश्रीमद्भगवद्गीता