गैनिमीड (उपग्रह)
- अगर आप के इस से मिलते-जुलते नाम के क्षुद्रग्रह (ऐस्टेरोयड) के बारे में जानकारी ढूंढ रहे हैं तो १०३६ गैनिमीड वाला लेख देखिये
गैनिमीड हमारे सौर मण्डल के पाँचवे ग्रह बृहस्पति का सब से बड़ा उपग्रह है और यह पूरे सौर मंडल का भी सब से बड़ा चन्द्रमा है। इसका व्यास (डायामीटर) 5,268 किमी है, जो बुध ग्रह से भी 8% बड़ा है।[12] इसका द्रव्यमान भी सौर मंडल के सारे चंद्रमाओं में सबसे ज़्यादा है और पृथ्वी के चन्द्रमा का 2.2 गुना है।[13]
गैलिलीयो यान द्वारा ली गयी गैनिमेड के उस रुख़ की तस्वीर जो बृहस्पति से दूर है - हल्के रंगों के क्षेत्रों में बर्फ़ की मात्रा अधिक है और गाढ़े रंग के क्षेत्र पथरीले ज़्यादा हैं। | |||||||
खोज | |||||||
---|---|---|---|---|---|---|---|
खोज कर्ता | गैलीलियो गैलिली | ||||||
खोज की तिथि | January 7, 1610[1][2][3] | ||||||
उपनाम | |||||||
प्रावधानिक नाम | Jupiter III | ||||||
विशेषण | Ganymedian, Ganymedean | ||||||
पेरिएप्सिस | 1,069,200 km[a] | ||||||
एपोऐप्सिस | 1,071,600 km[b] | ||||||
अर्ध मुख्य अक्ष | 1,070,400 km[4] | ||||||
विकेन्द्रता | 0.0013[4] | ||||||
परिक्रमण काल | 7.15455296 d[4] | ||||||
औसत परिक्रमण गति | 10.880 km/s | ||||||
झुकाव | 0.20° (to Jupiter's equator)[4] | ||||||
स्वामी ग्रह | Jupiter | ||||||
भौतिक विशेषताएँ | |||||||
माध्य त्रिज्या | 2634.1 ± 0.3 km (0.413 Earths)[5] | ||||||
तल-क्षेत्रफल | 87.0 million km2 (0.171 Earths)[c] | ||||||
आयतन | 7.6 km3 (0.0704 Earths)[d] | ||||||
द्रव्यमान | 1.4819 kg (0.025 Earths)[5] | ||||||
माध्य घनत्व | 1.936 g/cm3[5] | ||||||
विषुवतीय सतह गुरुत्वाकर्षण | 1.428 m/s2 (0.146 g)[e] | ||||||
पलायन वेग | 2.741 km/s[f] | ||||||
घूर्णन | synchronous | ||||||
अक्षीय नमन | 0–0.33°[6] | ||||||
अल्बेडो | 0.43 ± 0.02[7] | ||||||
सतह का तापमान K |
| ||||||
सापेक्ष कांतिमान | 4.61 (opposition)[7] 4.38 (in 1951)[8] | ||||||
वायु-मंडल | |||||||
सतह पर दाब | trace | ||||||
संघटन | oxygen[11] |
अन्य भाषाओँ में
गैनिमीड को अंग्रेज़ी में "Ganymede" लिखा जाता है। गैनिमीड प्राचीन यूनानी धार्मिक कथाओं का एक पात्र था जो यूनानी धर्म के देवों को शराब परोसता था (यानि साक़ी की भूमिका निभाता था)।
बनावट
गैनिमीड लगभग बराबर मात्रा के पत्थर और पानी की बर्फ़ का बना हुआ है और इसके केन्द्रीय भाग में पिघला हुआ लोहा है। इस पिघले लोहे की वजह से गैनिमीड सौर मंडल का इकलौता चन्द्रमा है जिसका अपना चुम्बकीय गोला है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इसकी सतह के क़रीब 200 किमी नीचे दो बर्फ़ीली पर्तों के दरमयान एक पानी का महासागर है। इसकी सतह में हल्के और गाढ़े रंग के क्षेत्र देखे जा सकते हैं। माना जाता है के हल्के रंग के क्षेत्रों में नई बर्फ़ की मात्रा अधिक है और इन इलाक़ों में खाईयाँ और चट्टानें मौजूद हैं जिनकी वजह बृहस्पति के भयंकर गुरुत्वाकर्षण से पैदा हुए ज्वारभाटा बल द्वारा की गयी उथल-पुथल को बताया जाता है। गाढ़े रंग की सतह की उम्र बहुत पुरानी लगती है और अनुमान है कि इस पर जगह-जगह पर उल्कापिंडों के गिरने से प्रहार क्रेटर बनाने के सिवाय यह पिछले 4 अरब सालों में ज़्यादा नहीं बदली।
वायुमंडल
गैनिमीड का अपना पतला-सा वायुमंडल है जिसमें अधिकतर आक्सीजन के तीन भिन्न रूप हैं - आक्सीजन के परमाणु (O), आणविक आक्सीजन (O2) और ओज़ोन (O3)। इस वायुमंडल में कम मात्रा में हाइड्रोजन गैस भी मौजूद है।[11]
इन्हें भी देखें
बाहरी कड़ियाँ
सन्दर्भ
सन्दर्भ त्रुटि: "lower-alpha" नामक सन्दर्भ-समूह के लिए <ref>
टैग मौजूद हैं, परन्तु समूह के लिए कोई <references group="lower-alpha"/>
टैग नहीं मिला। यह भी संभव है कि कोई समाप्ति </ref>
टैग गायब है।